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नागपुर हिंसा: कांग्रेस ने बीजेपी पर बोला हमला, सरकार की नीयत पर उठाए सवाल

Monday, March 17, 2025 | March 17, 2025 WIB Last Updated 2025-03-17T20:16:07Z

 

महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस ने केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। पार्टी ने कहा कि यह घटना सरकार की वास्तविक विचारधारा को उजागर करती है। दरअसल, औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर एक संगठन के प्रदर्शन के दौरान फैली अफवाह के चलते शहर में हिंसा भड़क उठी। कई इलाकों में आगजनी और पथराव की घटनाएं हुईं, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

पुलिस का लाठीचार्ज, आंसू गैस का इस्तेमाल

अधिकारियों के मुताबिक, हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने चिटनिस पार्क और महल इलाके में लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। हिंसा का दायरा कोतवाली और गणेशपेठ तक फैल गया, जिससे शहर में दहशत का माहौल बन गया।

कांग्रेस ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने इस घटना को चिंताजनक बताते हुए कहा कि नागपुर में इस तरह की घटनाएं पहले कभी नहीं हुईं। उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों से इतिहास को हथियार बनाकर समाज में फूट डालने और हिंसा भड़काने की साजिश रची जा रही है। खेड़ा ने कहा कि यह घटना स्पष्ट रूप से सरकार की विभाजनकारी सोच को दर्शाती है।

गृह विभाग की विफलता का नतीजा: कांग्रेस

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने इसे राज्य के गृह विभाग की विफलता करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे मंत्री लगातार भड़काऊ बयान दे रहे हैं, जिससे माहौल बिगड़ रहा है। सपकाल ने नागपुर के नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।

राजनीतिक फायदे के लिए सांप्रदायिक तनाव?

सपकाल ने आगे कहा कि राज्य इस समय महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की आत्महत्या और न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसे गंभीर मुद्दों से जूझ रहा है, लेकिन सरकार लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सांप्रदायिक तनाव को हवा दे रही है। उन्होंने जनता से सरकार की विभाजनकारी राजनीति को नाकाम करने और शांति बनाए रखने का अनुरोध किया।

"नागपुर का सद्भाव बिगाड़ने की साजिश"

कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंधे पाटिल ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि नागपुर हमेशा से धार्मिक सौहार्द्र और भाईचारे का केंद्र रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ के लिए शहर की शांति भंग करने की साजिश रची गई।

पुलिस की भूमिका पर सवाल

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सब उनकी निगरानी में हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब सरकार जनता के कल्याण के बजाय नफरत फैलाने पर जोर देगी, तो देश में विकास संभव नहीं होगा।

निष्कर्ष

नागपुर की हिंसा ने एक बार फिर महाराष्ट्र में सांप्रदायिक तनाव और राजनीतिक रणनीतियों को उजागर कर दिया है। कांग्रेस ने इसे सरकार की नाकामी बताया और शांति बनाए रखने की अपील की। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस स्थिति से कैसे निपटता है और क्या सरकार इन आरोपों का कोई ठोस जवाब देती है।

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