उत्तर प्रदेश के अमेठी में एक दलित युवक पर हुए बर्बर हमले ने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। दबंगों ने लाठी-डंडों से पीट-पीटकर युवक को मरणासन्न अवस्था में पहुंचा दिया। घटना के समय पीड़ित अपनी साली के साथ मेले में जा रहा था, जब आरोपियों ने उसकी साली से छेड़छाड़ शुरू कर दी। विरोध करने पर आरोपियों ने बेरहमी से युवक पर हमला कर दिया, जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आईं।
चार दिन बाद भी पुलिस निष्क्रिय
घटना अमेठी के संग्रामपुर थाना क्षेत्र के थम्मन के पुरवा गांव की है, जो 13 मार्च को हुई थी। लेकिन चार दिन बीतने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस कार्रवाई करने के बजाय समझौते का दबाव बना रही है।
हमले में युवक गंभीर, अस्पताल में जिंदगी की जंग
जानकारी के मुताबिक, दलित युवक दीपक अपनी दो सालियों और अन्य परिजनों के साथ टीकर माफी आश्रम के मेले में जा रहा था। इसी दौरान गांव के कुछ दबंगों ने उसकी सालियों से छेड़छाड़ शुरू कर दी। जब दीपक ने विरोध किया, तो उन लोगों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। हमलावरों ने उसे बेरहमी से पीटा, जिससे वह मरणासन्न हालत में पहुंच गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है।
पुलिस प्रशासन पर उठे सवाल
पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस आरोपियों के पक्ष में काम कर रही है और उन पर समझौते का दबाव डाल रही है। वहीं, जब इस मामले में सीओ मनोज मिश्रा से सवाल किया गया, तो उन्होंने घटना की जानकारी होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यदि कोई शिकायत मिलेगी, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
न्याय की मांग
इस घटना ने इलाके में आक्रोश फैला दिया है। पीड़ित परिवार और स्थानीय लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई करेगी या फिर दबंगों के प्रभाव में मामले को दबाने की कोशिश की जाएगी?